ऊर्जास्रोत

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ऊर्जा स्रोतों को अनेक आधारों पर वर्गीकृत किया गया है, जिनका विवरण निम्नलिखित है–

(i)       अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत(Non-renewable energy resource)

(ii)      नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत(Renewable energy resource)

(iii)     परम्परागत ऊर्जा स्रोत(Conventional energy resource)

(iv)     गैर-परम्परागतऊर्जा स्रोत(Non-conventional energy resource)

(v)      प्रदूषणकारी ऊर्जा स्रोत(Pollutingenergy resource)

(vi)     अप्रदूषणकारी ऊर्जा स्रोत(Non-polluting energy resource)


(i)       अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत (Non-renewable energy resource)-सभी खनिज ईंधनजैसे-कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, परमाणु खनिजआदि को हम ऊर्जा का अनवीकरणीय स्त्रोत कहते हैं|इसका अर्थ यह है कि ऐसे ऊर्जा स्त्रोत जिनसे एक बार ऊर्जा प्राप्त करने के बाद दुबारा ऊर्जा प्राप्त नहीं किया जा सकता है, उन्हेंऊर्जा का अनवीकरणीय स्त्रोत कहते हैं|

  • ऊर्जा के अनवीकरणीय स्त्रोत में कोयला, पेट्रोलियमऔर प्राकृतिक गैस जीवाश्म ईंधन हैं,जबकि परमाणु ईंधन धात्विक ईंधन है |

(ii)      नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत(Renewable energy resource)– ऊर्जा के नवीकरणीय स्त्रोत के अंतर्गत ऐसे ऊर्जा स्त्रोतों को शामिल किया जाता है जो कभी समाप्त नहीं होते हैं |इसके अलावा ऐसे ऊर्जा स्त्रोत जिन्हें समाप्त होने के बाद दुबारा बनाया जा सकता है,उन्हें ऊर्जा का  नवीकरणीय स्त्रोत कहा जाता है| जैसे-बायोमास ऊर्जा, बायो गैस ऊर्जा, बायोडीजल ऊर्जा आदि |

  • जलविद्युत ऊर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, तरंग ऊर्जा, OTEC ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, बायोमास ऊर्जा, बायो गैस ऊर्जा, बायोडीजल ऊर्जा आदि को ऊर्जा के नवीकरणीय स्त्रोत के अंतर्गत शामिल किया जाता है |

(iii)   परम्परागत ऊर्जा स्रोत (Conventional energy resource)–ऊर्जा केअनवीकरणीय स्त्रोत जैसे-कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस आदि को ऊर्जा के परम्परागत स्रोत के अंतर्गत शामिल किया जाता है |इसके अतिरिक्त सभी बड़े जलविद्युत परियोजनाओं को अर्थात् जिन जलविद्युत परियोजनाओं की क्षमता 25 मेगावाट से अधिक है, उन्हें परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत के अंतर्गत शामिल किया जाता है |

  • बड़ी जलविद्युत परियोजनायें पर्यावरण को प्रदूषित तो नहीं करती हैं किन्तु इनके निर्माण से वन्य जीव-जन्तु और इसके साथ ही नदियों का पारिस्थितिकी तंत्र भी प्रभावित होता है इसलिए इसे परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत के अंतर्गत शामिल किया जाता है |

(iv)     गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोत (Non-conventional energy resource)–सभी नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत जैसे- जलविद्युत ऊर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, तरंग ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, OTEC ऊर्जा, बायोमास ऊर्जा, बायो गैस ऊर्जा, बायोडीजल ऊर्जा को गैर परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत के अंतर्गत शामिल किया जाता है |इसके अतिरिक्त परमाणु खनिज से प्राप्त ऊर्जा को भी गैरपरम्परागत ऊर्जा स्त्रोत के अंतर्गत शामिल किया जाता है |

  • लघु जलविद्युत परियोजनाओं को अर्थात्25 मेगावाट क्षमता से कम की जलविद्युत परियोजनाओं को गैर-परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत के अंतर्गत शामिल किया जाता है |इन जलविद्युत परियोजनाओं से पर्यावरण को किसी प्रकार की क्षति नही होती है|

(v)      प्रदूषणकारी ऊर्जा स्रोत(Polluting energy resource)-ऊर्जा के सभी अनवीकरणीय स्त्रोत जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, परमाणु ईंधनआदि को प्रदूषणकारी ऊर्जा स्त्रोत कहते हैं |

(vi)     अप्रदूषणकारी ऊर्जा स्रोत(Non-polluting energy resource)-ऊर्जा के नवीकरणीय स्त्रोत जैसे- जलविद्युत ऊर्जा, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, तरंग ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, OTEC ऊर्जा, बायोमास ऊर्जा, बायो गैस ऊर्जा, बायोडीजल ऊर्जा आदि सभी ऊर्जा स्त्रोतों को अप्रदूषणकारी ऊर्जा स्त्रोत कहते हैं |

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Sneha Kumari
September 12, 2020, 10:30 am

पवन ऊर्जा का उत्पादन कैसे किया जाता है