प्रायद्वीपीय भारत का पठार : भाग-2

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 प्रायद्वीपीय भारत के पठार के अन्तर्गत निम्नलिखित संरचनाएं शामिल हैं –

(i)अरावली पर्वत (ii)    मालवा पठार

(iii)विंध्य पर्वत    (iv)   सतपुड़ा पहाड़ी

(v)छोटानागपुर पठार  (vi)   पश्चिमीघाट पर्वत

(vii)पूर्वीघाट पर्वत    (viii)नीलगिरी पहाड़ी

(ix)दक्कन का पठार  (x)    अन्नामलाई की पहाड़ी  

(xi)कार्डामम पहाड़ी

prayadeep pathar

छोटानागपुर पठार

  • छोटानागपुर का पठार झारखण्ड एवं पश्चिम बंगाल राज्य में विस्तृत है|
  • छोटानागपुर पठार से दो प्रमुख नदियां निकलती हैं –
    (i) दामोदर नदी

    (ii) स्वर्ण रेखा नदी

  • दामोदर नदी छोटानागपुर पठार के बीचो-बीच अपने भ्रंश घाटी में पूरब की ओर प्रवाहित होते हुए पश्चिम बंगाल राज्य में हुगली नदी में मिल जाती है|
  • दामोदर नदी छोटानागपुर पठार को दो भागों में विभाजित करती है –
    (i) हजारीबाग का पठार

    (ii) रांची का पठार

  • दामोदर नदी के उत्तर में हजारी बाग का पठार स्थित है तथा दामोदर नदी के दक्षिण में रांची का पठार स्थित है|
  • रांची का पठार भारत में संप्राय मैदान का उदाहरण है|

Note -पठार का एक ऐसा मैदान जहाँ चट्टानी टीले अथवा शिखर नहीं पाये जाते हैं, समप्राय मैदान कहलाते हैं|

भारत में तीन नदियाँ अपने भ्रंश घाटी में प्रवाहित होती हैं –

(i) नर्मदा नदी

(ii) तापी/ताप्ती नदी

(iii) दामोदर नदी

  • स्वर्ण रेखा नदी के तट पर झारखंड राज्य की राजधानी रांची स्थित है|
  • स्वर्ण रेखानदीपूरब की ओर प्रवाहित होते हुए बंगाल की खाड़ी में अपना जल गिराती है|
  • छोटानागपुर का पठार भारत में खनिज सम्पदा की दृष्टि से सबसे समृद्ध पठार है | यहाँ से लोहा, कोयला, यूरेनियम आदि खनिज प्राप्त होते हैं|
  • भारत में यूरेनियम छोटानागपुर पठार के अन्तर्गत जादूगोड़ा से प्राप्त होता है|
  • खनिज संपदा की दृष्टि से समृद्ध होने के कारण छोटानागपुर पठार को भारत का रूर प्रदेश भी कहते हैं|

Note – रूर प्रदेश जर्मनी में है| जर्मनी में दो नदियाँ रूर और राइन प्रवाहित होती हैं| इन नदियों के बीच के क्षेत्र को रूर प्रदेश कहते हैं| यहाँ खनिज संसाधनों का प्रचुर भण्डार है|

  • छोटानागपुर पठार के उत्तर-पूरब में राजमहल की पहाड़ियां है| राजमहल पहाड़ी की अवस्थिति मुख्य रूप से झारखंड राज्य में है|

मेघालय पठार या शिलांग पठार

  • शिलांग पठार एक स्वतन्त्र पठार न होकर यह प्रायद्वीपीय भारत के पठार का ही हिस्सा है| यद्यपि शिलांग पठार की अवस्थिति हिमालय के समीप है, किन्तु वास्तव में यह राजमहल पहाड़ी का ही पूर्वी विस्तार है|
  • जलोढ़ निक्षेप – जब नदियाँ पहाड़ी क्षेत्र को काटकर मैदानी क्षेत्र में अवसादों को पाट देती हैं, तो इसे जलोढ़ निक्षेप कहते हैं|
  • शिलांग पठार के अंतर्गत पांच पहाड़ियाँ शामिल हैं –गारो, खासी, जयंतिया, मिकिर और रेंगमा|
  • शिलांग पठार के अंतर्गत शामिल गारो, खासी और जयंतिया पहाड़ी मेघालय राज्य में स्थित हैं|
  • मिकिर और रेंगमा पहाड़ी शिलांग पठार के अंतर्गत ही असम राज्य में स्थित हैं|
  • शिलांग पठार की सबसे ऊँची चोटी नोकरेक गारो पहाड़ी के अंतर्गत स्थित है|

विंध्य पर्वत श्रेणी

  • विंध्य पर्वत श्रेणी मालवा पठार के दक्षिण में स्थित है|
  • विंध्य पर्वत श्रेणी का विस्तार मध्य प्रदेश राज्य में है|
  • विंध्य पर्वत को पूरब में भांडेर पहाड़ी और कैमूर पहाड़ी के नाम से जाना जाता है|
  • विंध्य पर्वत के दक्षिण में नर्मदा भ्रंश घाटी स्थित है| नर्मदा भ्रंश घाटी के दक्षिण में सतपुड़ा पहाड़ी स्थित है|
  • सतपुड़ा पर्वत के दक्षिण में तापी भ्रंश घाटी स्थित है|

सतपुड़ा पर्वत

  • सतपुड़ा पर्वत भारत में एकमात्र ब्लॉक पर्वत का उदाहरण है|
  • सतपुड़ा पर्वत के उत्तर में नर्मदा भ्रंश घाटी तथा सतपुड़ा पर्वत के दक्षिण में तापी भ्रंश घाटी स्थित है|

Note -दो भ्रंश घाटियों के मध्य स्थित पर्वत को ब्लॉक पर्वत कहते हैं|

  • सतपुड़ा पर्वत पश्चिम से पूरब की ओर तीन पहाड़ियों के रूप में विस्तृत है, पश्चिम से पूरब की ओर इनका क्रम है –
    (i) राजपीपला पहाड़ी

    (ii) महादेव पहाड़ी

    (iii) मैकाल पहाड़ी

  • राजपीपला सतपुड़ा पर्वत की सबसे पश्चिमी पहाड़ी है|
  • महादेव पहाड़ी सतपुड़ा पर्वत पर स्थित मध्य की पहाड़ी है|
  • सतपुड़ा पर्वत की सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ चोटी महादेव पहाड़ी पर स्थित है|
  • मैकाल पहाड़ी की सबसे ऊँची चोटी अमरकंटक है|
  • मैकाल पहाड़ी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा बनाती है|
  • अमरकंटक चोटी के समीप ही नर्मदा एवं सोन नदियाँ निकलती हैं| नर्मदा नदी पश्चिम की ओर अपने भ्रंश में प्रवाहित होते हुए खम्भात की खाड़ी में गिरती है और सोन नदी अमरकंटक से निकलकर उत्तर की ओर प्रवाहित होती है और पटना के पास गंगा नदी से मिल जाती है|
  • पंचमढ़ी हिल स्टेशन/पंचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व धूपगढ़ चोटी के पास ही स्थित है|
  • सतपुड़ा पर्वत का विस्तार गुजरात, महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश राज्य में है|

दक्कन पठार

  • दक्कन पठार की अवस्थिति सतपुड़ा पर्वत श्रेणी, पश्चिमी घाट एवं पूर्वी घाट के मध्य में स्थित है|
  • दक्कन पठार मुख्य रूप से दक्कन ट्रैप की चट्टानों से बना हुआ है|

दक्कन पठार के अंतर्गत निम्नलिखित संरचनाओं को शामिल किया जा सकता है –

पहाड़ीराज्य
हरिश्चन्द्र पहाड़ीमहाराष्ट्र
बालघाट पहाड़ीमहाराष्ट्र
अजन्ता पहाड़ीमहाराष्ट्र
गविलगढ़ पहाड़ीमहाराष्ट्र
  • दक्कन पठार के अंतर्गत ही दंडकारण्य का पठार है|
  • दंडकारण्य के पठार का विस्तार मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ एवं उड़ीसा राज्य में स्थित है|
  • दंडकारण्य के पठार के अंतर्गत ही बस्तर का पठार स्थित है| यह दंडकारण्य पठार के दक्षिण में स्थित है|
  • भारत में टिन का एकमात्र भण्डारण बस्तर पठार में ही स्थित है|

महानदी बेसिन

  • महानदी बेसिन छत्तीसगढ़ राज्य में दंडकारण्य पठार के उत्तर में तथा छोटा नागपुर पठार के मध्य में स्थित है|
  • महानदी बेसिन का क्षेत्र धान के उत्पादन के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है|
  • उत्तर प्रदेश में धान का कटोरा चंदौली जिले को कहा जाता है|

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