मानसून का निवर्तन या लौटता मानसून

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मानसून का निवर्तन या लौटता मानसून
मानसून का निवर्तन या लौटता मानसून
  • मानसून के लौटने की क्रिया को मानसून का निवर्तन कहते हैं |
  • 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत् चमकता है, अर्थात् 22 जून से सूर्य विषुवत् रेखा की ओर लौटने लगता है |
  • 23 सितम्बर को सूर्य की लम्बवत् किरणें विषुवत् रेखा पर पड़ने लगती हैं, इसके परिणामस्वरूप पश्चिमोत्तर भारत में गर्मियों के मौसम में स्थापित अंत: उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ) भी दक्षिण की तरफ खिसकने लगता है |
  • अंत: उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ) के दक्षिण की तरफ खिसकने के साथ ही मानसून भी दक्षिण की तरफ खिसकने लगता है |
  • मानसून का निवर्तन भारत में 1 सितम्बर से प्रारम्भ होता है और 15 अक्टूबर आते-आते मानसून समस्त भारतीय उपमहाद्वीप से लौट चुका होता है |
  • मानसून का निवर्तन 1 सितम्बर को सबसे पहले राजस्थान से प्रारम्भ होता है, अर्थात् मानसून सबसे देर में राजस्थान में पहुँचता है और सितम्बर के प्रथम सप्ताह में मानसून सबसे पहले राजस्थान से ही लौटने की क्रिया प्रारम्भ करता है | यही कारण है कि राजस्थान में वर्षा की अवधि बहुत कम होती है,इसलिए राजस्थान एक सूखाग्रस्त राज्य है |
  • मानसून के निवर्तन काल में अक्टूबर और नवम्बर के महीनों में सर्वाधिक वर्षा पूर्वी तटीय मैदानों पर होती है |
मानसून का निवर्तन या लौटता मानसून
मानसून का निवर्तन या लौटता मानसून

मानसूनके निवर्तन काल में पूर्वी तटीयमैदानों पर वर्षा दो कारणों से होती है –

(i)     अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक मानसून बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त नमी ग्रहण कर लेता है, क्योंकि स्थलखंड जल्दी गर्म होते हैं, अर्थात् मई के प्रथम सप्ताह तक अंत: उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र (ITCZ) पश्चिमोत्तर में स्थापित हो जाता है |

  • अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक बंगाल की खाड़ी अत्यन्त गर्म हो जाती है और लौटता मानसून बंगाल की खाड़ी से अक्टूबर के महीने में पर्याप्त नमी ग्रहण कर लेता है |
  • दूसरी तरफ दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के कमजोर होने के साथ ही उत्तर-पूर्वी मानसून प्रवाहित होने लगता है | परिणामस्वरूप लौटता मानसून एक तरफ बंगाल की खाड़ी से आर्द्रता और नमी ग्रहण करता है और दूसरी तरफ यह उत्तर-पूर्वी मानसून से मिलकर उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम की ओर बहने लगता है |
  • यही कारण है कि मानसून के निवर्तन काल में अक्टूबर और नवम्बर के महीनों में पूर्वी तटीय मैदान पर वर्षा प्राप्त होने लगती है | अक्टूबर के महीने में आंध्रप्रदेश केउत्तरी सरकार तट या रॉयलसीमा तट पर तथा नवम्बर के महीने में तमिलनाडु के कोरोमण्डल तट पर वर्षा होती है |

(ii)    अक्टूबर महीने के प्रथम सप्ताहतक बंगाल की खाड़ी अत्यधिक गर्म हो जाती है, क्योंकि स्थलखण्डों की अपेक्षा समुद्र देर से गर्म होते हैं |

  • बंगाल की खाड़ी की ऊपरी सतह,अर्थात् गर्म सतह उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लिए अनुकूल दशाएँ प्राप्त करती हैं | अक्टूबर के महीने में बंगाल की खाड़ी में उष्ण चक्रवात उत्पन्न होते हैं |
  • ये उष्णकटिबंधीय चक्रवात पूर्व से पश्चिम दिशा में भ्रमण करते हुए पूर्वी घाट पर्वत से टकराता है | पूर्वी घाट पर्वत से टकराकर बंगाल की खाड़ी में बनने वाला उष्णकटिबंधीय चक्रवात पूर्वी तटीय मैदान पर वर्षा करता है |
  • बंगाल की खाड़ी मेंउत्पन्न होने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवात से अक्टूबर तथा नवम्बर के महीनों में उड़ीसा के उत्कल तटऔर आंध्रप्रदेश के उत्तरी सरकार तटयारॉयल सीमा तट और तमिलनाडु के कोरोमण्डल तट पर वर्षा होती है |

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