जल परिवहन
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- देश के जल परिवहन को दो भागों में विभाजित किया गया है –
(i) आन्तरिक जल परिवहन
(ii) बंदरगाह
- आन्तरिक जल परिवहन नदियों और नहरों के माध्यम से होता है | देश के आन्तरिक भागों में विद्यमान नदियां एवं नहरें तटों तक पहुँचने के लिए मार्ग प्रदान करती हैं| उदाहरण के लिए गंगा नदी भारत के 5 राज्यों और बांग्लादेश से प्रवाहित होते हुए समुद्र तक रास्ता प्रदान करती है |
- जल परिवहन के अन्तर्गत बन्दरगाहों को भी शामिल किया जाता है| भारत में लगभग 13 बड़े एवं 200 छोटे-छोटे बन्दरगाह हैं |
- बन्दरगाहों से न केवल देश के भीतरी भागों में व्यापार होता है बल्कि यहाँ से विश्व के अन्य देशों से भी व्यापार किया जाता है | उदाहरण के लिए भारत के एक बन्दरगाह विशाखापत्तनम से न केवल मुम्बई तक परिवहन किया जाता है बल्कि यहाँ से जापान तक लोहा का निर्यात किया जाता है | अत: कहा जा सकता है कि बन्दरगाह अन्य देश से व्यापार करने के लिए माध्यम होते हैं |
- भारत नदियों एवं नहरों का देश है, इसलिए यहाँ आन्तरिक परिवहन की कमी नहीं है | आन्तरिक जल परिवहन के मार्ग के रूप में नदियों एवं नहर प्रणालियाँ काम करती हैं |
- आन्तरिक जल परिवहन या आन्तरिक जल मार्ग देश के भीतरी भागों को तटीय क्षेत्रों या बन्दरगाहो से जोड़ने का काम करते हैं| उदाहरण के लिए किसी सामान को इलाहाबाद से लेकर राष्ट्रीय जलमार्ग -01 के माध्यम से हल्दिया तट तक लाया जा सकता है तथा यहां से सामान को विदेशों तक भेजा जा सकता है |
- देश में आन्तरिक जलमार्गों की सर्वाधिक लम्बाई उत्तर प्रदेश में है क्योंकि यहाँ सर्वाधिक नदियाँ एवं नहरें पाई जाती हैं |
- देश में जलमार्गों के विकास के लिए 1986 ई० में भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की स्थापना की गयी थी | इसका मुख्यालय नोएडा में स्थित है |
- राष्ट्रीय अन्तर्देशीय नववहन संस्थान बिहार की राजधानी पटना में स्थित है |
- राष्ट्रीय जलक्रीड़ा संस्थान गोवामें स्थित है |
- इण्डियन मेरिटाइन विश्वविद्यालय चेन्नईमें स्थित है |
- आन्तरिक जलमार्ग सड़कमार्ग एवं रेलमार्ग की तरह न तो विकसित होते हैं, न तो व्यवस्थित होते हैं और न ही लाभदायक होते हैं | किन्तु इनके विकास की संभावना बनी रहती है | यदि इनका विकास कर दिया जाये तो यहाँ से व्यापार की संभावना बढ़ जाती है | उदाहरण के लिए टेम्स नदी से बड़े-बड़े जहाज़ों के माध्यम से व्यापार किया जाता है |
- आन्तरिक जल मार्गों के विकास में मुख्य बाधा नदियों के जल का घटना और बढ़ना है | भारत में नदियाँया तो सूख जाती हैं या तो नदियों में बाढ़ आ जाता है इन दोनों दशाओं में जल मार्ग का विकास करना कठिन है |
- राष्ट्रीय जल मार्ग अधिनियम, 2016 के अनुसार देश में कुल 111 राष्ट्रीय जलमार्ग चिन्हित किये गए हैं | इनमें से 106 राष्ट्रीय जलमार्ग वर्ष 2016 में घोषित किये गए हैं | अर्थात् वर्ष 2016 से पूर्व देश में कुल केवल 05 राष्ट्रीय जलमार्ग ही थे |
प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्ग
- राष्ट्रीय जल मार्ग संख्या 01 – यह जलमार्ग इलहाबाद से हल्दिया को जोड़ता है | यह गंगा एवं हुगलीनदियों पर स्थित है| यह देश का पहला राष्ट्रीय जलमार्ग है| इसे वर्ष 1986 ई० में घोषित किया गया था | यह सर्वाधिक लम्बा राष्ट्रीय जलमार्ग है| इसकी कुल लम्बाई 1620 किमी० है |
- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 02- यह जलमार्ग ब्रह्मपुत्र नदी पर सदिया से धुबरी तक है |
- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 03- यह राष्ट्रीय जलमार्ग केरल राज्य में उद्योगमण्डल नहर पर कोल्लम से लेकर कोट्टापुरम तक है |
- राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 04– यह जलमार्ग आन्ध्र तट पर काकीनाड़ा से तमिलनाडु के मरक्कानम तकबर्मिंघम नहर पर स्थित है |
Vivek Saxena
June 21, 2020, 7:51 pmSir video 72 ke part 2 se aage ki PDF download nhi ho rhi hai , request Gmail access mang rha hai, so pls solve this issue.
suraj kumar shah
May 27, 2020, 2:19 pmthank u soo much sir ji
Priyaranjan kumar
May 19, 2020, 10:23 amFull